२००८ अ लव स्टोरी
क्या खूब थे वो कालेज के दिन
जब खूब कुंलाचे भरते थेकभी रोड पर कभी क्लास मी ,है हेल्लो हम कहते थे
टीचेर लेक्टुरे देते रहते ,मई तुमको देखा करता
देख देख कर तुम्हे सुंदरी कविता मई लिखता रहता
अहो प्यार से जब तुम, मुघे देख मुस्काती थी
दिल के रेगिस्तान मी तुम स्वितेज़र्लंद बनती थी
कालेज मी सबकी जुबान पर ,अपना चर्चा रहता था
तुमको लैला मुघ्को मजनू सारा कालेज कहता था
हस्ते गेट मस्ती करते दिन अपने बीत रहे थे ,जीवन साथ गुजरेंगे ,यह सपना हम देख रहे थे
हनीमून गोया मी मानेगी मई अक्सर कहता रहता था ,बाद किस्मती से टैब आपना परसे ही खली रहता था
तेरे पय के चक्कर मी पड़कर ,पढ़ाई से मई दूर हुआ
एक कच्छा मी लगातार मई तीन साल तक फेल हुआ
किंतु तनिक मलाल नही था सालो की बर्बादी का,तुमने दे रक्छा था आश्वासन.
बस मुघ्से ही साड़ी का
इतने मी ही ट्विस्ट आ गया आ[नि प्रेम कहानी मी
अस्सी घाट पर पाकर हमको तेरे चाचा रोनी ने
कपडे फटे दंत भी टूटे इसका नही मलाल हुआ
किंतु तेरा इस तरह बदलना, जीवन मी भूचाल हुआ
तुमने कहा सुनो चचये हरदम पीछा करता है
देख देखा कर ये बस मुघ्को ठंडी आन्हे भरता है
और ये कहता है मुघ्को चलो इस्कुए लड़ाए माला
ऊपर से ये लगता भोला ,किंतु दिक्ल का है काला]
कई महीने बाद अचानक ख़बर मिली थी ये मुघ्को
दिल्ली का कोई दिलवाला व्याह ले गया है तुघ्को
टूटा कहर ख़बर ये सुनकर
जीना आब दुस्वर हुआ
देवदास टू बन न सका ,पर पी-पी कर बेकार हुआ
आज अचानक तुमको देखा, लंका पर पति के साथ
चुन्नू मुन्न्नु दोनों बछो का तुमने पाकर था हाथ
चुनू मुन्नू से तुम बोली, मामा जी को हेल्लो करो
मैंने कहा की ये भइया ,बस डूब मरो बस डूब मरो
चुप चाप कदा मई देख रहा था, दुनिया का अद्भुत ड्रामा
जिन बच्चो के पापा बनते बना दिया उनका मामा
हाई प्यार का अंत अंत मी मुघ्को कितना फील हुआ
बनाना था हुस्बाद तुम्हारा, भइया मी तब्दील हुआ
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1 comment:
बहुत खूब राम बाबू
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