Saturday, December 27, 2008

हमारे रिश्ते !!!

हमारे रिश्ते कितने भी गहरे मगर,
कुछ इस तरह से क्यो होते है,
नदी के दो किनारों की तरह ,
कभी ये पास तो कभी दूर -दूर होते है,
कभी न मिलने वाले ये किनारे ,
फिर भी सदियों तक , साथ साथ चलते है.