Saturday, December 27, 2008
हमारे रिश्ते !!!
कुछ इस तरह से क्यो होते है,
नदी के दो किनारों की तरह ,
कभी ये पास तो कभी दूर -दूर होते है,
कभी न मिलने वाले ये किनारे ,
फिर भी सदियों तक , साथ साथ चलते है.
Saturday, November 29, 2008
शहर मैं आके क्या क्या खोया मैंने
शहर मैं आके क्या क्या खोया मैंने
जब इसका हिसाब करने लगा तो
सबसे पहले मुझे माँ की याद आयी
उस मीठी मीठी ज़ुआबं की याद आई
फीर वो दो सूनी कलाईआं मुझे घेरने लगी
जिनसे लिपट कर मैं माँ को भूल जाता था
सिर्फ उसके ही कहने पे स्कूल जाता था
कांधो मे बसता लिए स्कूल मैं जाने लगा
गुस्से मे पैर पटक आंगन की धूल उडाने लगा
आंगन वालो ने फीर खूब दिलासे दिए
छोटे भाई ने अपने हिस्से के पैसे दिए
आंगन से उतरा तो फूलो ने टोक दिया
तुम जा रहे हो…….. कहके रोक दिया
क्या करु जाना है, भविष्य भी तो बनाना है
सवालो मे रख लो जबाबो मे रख लो
फूल बोला मुझे अपनी किताबो मे रख लो
पर मैं उसे तोड़ न पाया
फीर भी अकेला छोड़ न पाया
लेकर उसकी खुशबू चला उन्ही रास्तो पर
जो रोज मेरे साथ जाते थे स्कूल पहुंचाते थे
फीर अभी कंकर-पत्थर पैरो मैं चुभने लगे
तितलियाँ भंवरे मेरे आस पास उड़ने लगे
थोडी दूर वो मंदिर वो तालाब दिखा
पानी मैं खिलता वो गुलाब दिखा
ज़रा यहाँ ठहर मिनट एक आता हूँ मैं
मन ने कहा पानी मैं मुंह देख आता हूँ मैं
पत्तो से मुंह पोंछ कर आया
मन मेरे पास लौट कर आया
अगले मोड़ पे वो दूकान मिली
खिलोनो को देख एक मुस्कान खिली
जल्दी ही अपने मन को समझाया
चल अभी अच्छा वक्त नहीं आया
सकूल पहुंचा तो सारे के सारे दोस्त मिले
सुबह सुबह सूरज-मुखी के फूल खिले
मुझे देख कर तो वो इतने हैरान हुए
और कुछ कुछ मुझसे अनजान हुए
बोले अब यहाँ क्यों आये हो तुम
लौट जाओ शहर अब पराये हो तुम
लौट जाओ शहर अब पराये हो तुम
शहर मैं आके क्या क्या खोया मैंने
Sunday, October 5, 2008
Thursday, July 3, 2008
" WAQT NAHI " :A very beautiful poem on today's fast life.
Har khushi Hai Logon Ke Daman Mein,
Par Ek Hansi Ke Liye Waqt Nahi.
Din Raat Daudti Duniya Mein,
Zindagi Ke Liye Hi Waqt Nahi.
Maa Ki Loree Ka Ehsaas To Hai,
Par Maa Ko Maa Kehne Ka Waqt Nahi.
Saare Rishton Ko To Hum Maar Chuke,
Ab Unhe Dafnane Ka Bhi Waqt Nahi.
Saare Naam Mobile Mein Hain,
Par Dosti Ke Lye Waqt Nahi.
Gairon Ki Kya Baat Karen,
Jab Apno Ke Liye Hi Waqt Nahi.
Aankhon Me Hai Neend Badee,
Par Sone Ka Waqt Nahi.
Dil Hai Ghamon Se Bhara Hua,
Par Rone Ka Bhi Waqt Nahi . ( 100% fact)
Paison ki Daud Me Aise Daude,
Ki Thakne ka Bhi Waqt Nahi.
Paraye Ehsason Ki Kya Kadr Karein,
Jab Apane Sapno Ke Liye Hi Waqt Nahi.
Tu Hi Bata E Zindagi,
Iss Zindagi Ka Kya Hoga,
Ki Har Pal Marne Walon Ko,
Jeene Ke Liye Bhi Waqt Nahi.........
Saturday, March 29, 2008
Some lines of my friend deepak who loves his love "ROSE"
I m very much thankful to "ROSE" , as "ROSE" is a bountiful "source of love" in my heart. As "Rose- in physical & human form" is no more with me, i am committed to use this 'love in my heart' for the whole mankind. This will be a real tribute to my dear ROSE & perhaps, this is also, the only way to keep alive memories of ROSE.
Thanks to Rose once again, for the new reason, you've given me, to live in this world....!
Tuesday, March 25, 2008
ज़िंदगी
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता
प्रेम
''प्रीत करियो तो ऐसे करियो जैसे कपास,
जीते जी तन ढाँके, मरने पर भी ना छोड़े साथ.''
''प्रेम-प्रेम सब करे, प्रेम ना जाने कोय,
जो आठों पहर बहे, सो ही प्रेम हो.''
♥ ♥ LOVE.................... ♥ ♥
Sunday, March 2, 2008
२००८ अ लव स्टोरी
कभी रोड पर कभी क्लास मी ,है हेल्लो हम कहते थे
टीचेर लेक्टुरे देते रहते ,मई तुमको देखा करता
देख देख कर तुम्हे सुंदरी कविता मई लिखता रहता
अहो प्यार से जब तुम, मुघे देख मुस्काती थी
दिल के रेगिस्तान मी तुम स्वितेज़र्लंद बनती थी
कालेज मी सबकी जुबान पर ,अपना चर्चा रहता था
तुमको लैला मुघ्को मजनू सारा कालेज कहता था
हस्ते गेट मस्ती करते दिन अपने बीत रहे थे ,जीवन साथ गुजरेंगे ,यह सपना हम देख रहे थे
हनीमून गोया मी मानेगी मई अक्सर कहता रहता था ,बाद किस्मती से टैब आपना परसे ही खली रहता था
तेरे पय के चक्कर मी पड़कर ,पढ़ाई से मई दूर हुआ
एक कच्छा मी लगातार मई तीन साल तक फेल हुआ
किंतु तनिक मलाल नही था सालो की बर्बादी का,तुमने दे रक्छा था आश्वासन.
बस मुघ्से ही साड़ी का
इतने मी ही ट्विस्ट आ गया आ[नि प्रेम कहानी मी
अस्सी घाट पर पाकर हमको तेरे चाचा रोनी ने
कपडे फटे दंत भी टूटे इसका नही मलाल हुआ
किंतु तेरा इस तरह बदलना, जीवन मी भूचाल हुआ
तुमने कहा सुनो चचये हरदम पीछा करता है
देख देखा कर ये बस मुघ्को ठंडी आन्हे भरता है
और ये कहता है मुघ्को चलो इस्कुए लड़ाए माला
ऊपर से ये लगता भोला ,किंतु दिक्ल का है काला]
कई महीने बाद अचानक ख़बर मिली थी ये मुघ्को
दिल्ली का कोई दिलवाला व्याह ले गया है तुघ्को
टूटा कहर ख़बर ये सुनकर
जीना आब दुस्वर हुआ
देवदास टू बन न सका ,पर पी-पी कर बेकार हुआ
आज अचानक तुमको देखा, लंका पर पति के साथ
चुन्नू मुन्न्नु दोनों बछो का तुमने पाकर था हाथ
चुनू मुन्नू से तुम बोली, मामा जी को हेल्लो करो
मैंने कहा की ये भइया ,बस डूब मरो बस डूब मरो
चुप चाप कदा मई देख रहा था, दुनिया का अद्भुत ड्रामा
जिन बच्चो के पापा बनते बना दिया उनका मामा
हाई प्यार का अंत अंत मी मुघ्को कितना फील हुआ
बनाना था हुस्बाद तुम्हारा, भइया मी तब्दील हुआ
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